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केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आजादी का अमृत महोत्सव की पहल के तहत भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (एनआईपीएएम) के तहत भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में दिनांक 08-09-2023 को बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जागरूकता कार्यशाला पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान NIPAM -TIFAC समन्वयक श्रीमती फराह बानो ने दिया, उन्होंने अपने भाषण में कहा कि यदि भारत को विकास करना है और हमें तकनीकी विशेषज्ञता हासिल करनी है तो हमें अधिक से अधिक बौद्धिक संपदा हासिल करनी होगी। बौद्धिक संपदा में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए हमें बौद्धिक संपदा के अधिक से अधिक विभिन्न रूपों जैसे पेटेंट, डिजाइन, ट्रेड मार्क, भौगोलिक संकेत, कॉपीराइट आदि पर अधिकार स्थापित करना होगा। श्रीमती बानो ने पेटेंट पंजीकरण भरने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। विभिन्न बौद्धिक गुण. उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों से अधिक से अधिक बौद्धिक संपदा अर्जित करने के लिए आगे आने और इसका प्रचार-प्रसार करने का आह्वान किया। संस्थान के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि इस अतिथि व्याख्यान के माध्यम से वैज्ञानिकों को बौद्धिक संपदा अर्जित करने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एम मुथ्थुकुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. अंजू बाजपेई ने किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न वैज्ञानिक एवं अन्य कर्मचारी मिलाकर 48 प्रतिभागी उपस्थित रहे।